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ढोल ढमाकों और गाजे बाजे के साथ हुई रामधाम खेडापा के संत श्री गोविन्दराम शास्त्री की अगवानी,बडी संख्या में शामिल हुए भक्तजन

रतलाम,27 नवंबर (इ खबरटुडे)। रामस्नेही संप्रदाय के रामधाम खेडापा (राजस्थान) के उत्तराधिकारी संत श्री गोविन्दराम शास्त्री के नगर आगमन पर ढोल ढमाको और गाजे बाजे के साथ उनकी भïव्य अगवानी की गई। संत श्री को कलश यात्रा के साथ श्री बडा रामद्वारा ले जाया गया,जहां संत श्री ने उपस्थित श्रद्धालुओं को आशिर्वाद प्रदान किए।

श्री बडा रामद्वारा पर कार्तिक पूर्णिमा के उपलक्ष्य में आयोजित दो दिवसीय धार्मिक समारोह में भाग लेने के लिए रामधाम खेडापा से पधारे संत श्री गोविन्दराम जी शास्त्री महाराज शाम के समय कालिका माता मन्दिर परिसर पंहुचे,जहां उनकी अगवानी के लिए बडी संख्या में श्रद्धालुजन मौजूद थे। संत श्री के कालिका माता परिसर में पंहुचते ही बडा रामद्वारा के महन्त पुष्पराज रामस्नेही ने पुष्पहार से उनका स्वागत किया। वहां मौजूद अन्य भक्तों ने भी संत श्री का पुष्पमालाओं से उनका स्वागत किया। संत श्री पर पुष्पवर्षा की गई।

कालिका माता परिसर में पंहुचते ही संत श्री गोविन्दराम जी ने सबसे पहले श्री राम मन्दिर और फिर कालिका माता मन्दिर के भीतर पंहुच कर भगवान के दर्शन किए। संत श्री गोविन्दराम जी को एक बग्गी में बैठाकर भïव्य शोभायात्रा के साथ कालिका माता से श्री बडा रामद्वारा ले जाया गया। इस भव्य शोभायात्रा में सबसे आगे बैण्ड पर सुमधुर भजन गाए जा रहे थे। संत श्री की बग्गी के आगे बडी संख्या में महिलाएं सिर पर मंगल कलश धारण कर चल रही थी। बग्गी में रामद्वारे के महन्त पुष्पराज रामस्नेही भी संत श्री गोविन्दराम जी के साथ सवार थे। मार्ग में कई स्थानों पर भक्तजनो ने संत श्री का पुष्पवर्षा कर स्वागत किया।

संत श्री गोविन्दराम जी ने रामद्वारे में पंहुचकर संध्या आरती में भाग लिया। संध्या आरती के पश्चात रामद्वारे में उपस्थित भक्तजनों ने संत श्री से आशिर्वाद प्राप्त किए। संत श्री गोविन्दराम जी कार्तिक पूर्णिमा के उपलक्ष्य में सोमवार को रात्रि जागरण में भक्तों के साथ सत्संग करेंगे और मंगलवार प्रात: होने वाली आरती में भी शामिल होंगे।

इस अवसर पर रामद्वारे के महन्त पुष्पराज रामस्नेही के अलावा उनके शिष्य ध्यानदास रामस्नेही, सम्मुखराम महंत रामद्वारा झुटावद उज्जैन संत सालगराम सिंथल, रामेश्वरदास सिंथल, मातंग ऋषि, रामरतन किशन दास, पदमाराम , परमेश्वरदास समेत अनेक गणमान्य जन और भक्तगण उपस्थित थे।

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